Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
The mom hen Maina dreams his affection, His remaining aspect adorns an enchanting kind. He holds a trident in his hand, a symbol of electrical power, Usually destroying the enemies.
Whosoever offers incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys materials pleasure and spiritual bliss On this earth and hereafter ascends for the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken out the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
O Common Lord, just about every morning like a rule I recite this Chalisa with devotion. Make sure you bless me to ensure that I may be shiv chalisa lyricsl able to attain my substance and spiritual desires.
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥